Paper cup side effects hindi-
जहाँ आपकी ग़लतफ़हमी है कि आपको लगता है कि आप पेपर के बने कप का उपयोग करते हैं तो आप सही है। दरअसल हाल ही में एक रिसर्च में एक रिपोर्ट आयी है। जिसमें ख़ुलासा हुआ है कि पेपर से बने कप भी मिट्टी और प्रकृति को ख़राब कर सकते हैं। साथ ही साथ यह आपके सेहत के लिए भी उतना ही ख़राब हो सकता है।
पेपर कप से जुड़ी समस्याएं | Paper cup side effects hindi

सभी हिस्सों और सभी जीवित चीज़ों को प्रदूषित करने वाले प्लास्टिक प्रदूषण की रिपोर्ट में वैकल्पिक सामग्रियों की ओर इशारा किया तो तेज़ी से बदलाव होने शुरू हो गए। आज के समय में आप देख सकते हैं कि पेपर का उपयोग अधिक हो रहा है और प्लास्टिक का काम दिन बदन कम होता जा रहा है।
स्वीडन में विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने तितली मच्छर के लार्वा पर विभिन्न सामग्रियों से बने डिस्पोज़ेबल कप, अध्ययन में कुछ ख़ुलासा किए गए और रिपोर्ट के मुताबिक़ हमने पेपर कप और प्लास्टिक का आपको कुछ हफ्तों के लिए गीली ताल छट और पानी में छोड़ दिया। कुछ समय छोड़ने के बाद मिला चित्र रसायनों ने लार्वा को कैसे प्रभावित किया, यह रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि सभी मार्गों में मच्छर के लार्वा के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला। खाद्य पैकेजिंग की सामग्री में उपयोग किए जाने वाले काग़ज़ को सतह कोटिंग के साथ इलाज करने की आवश्यकता होती है। जिस कारण यह प्लास्टिक आपके हाथों में मौजूद काफ़ी से कागज़ को बचाता है और प्लास्टिक फ़िल्म अक्सर बायो प्लास्टिक से बनी होती है।
पेपर कप से जुड़ी समस्याएं | Paper cup side effects hindi
No. | पेपर कप से जुड़ी समस्याएं Paper Cup Risk |
1 | नेचर ख़राब होना |
2 | सेहत में परिवर्तन |
3 | मिट्टी ख़राब होना |
4 | कैमिकल उपयोग |
किस प्रकार नुक़सान करता है पेपर कप? | Paper cup side effects hindi

पेपर कप का नुक़सान सेहत के साथ साथ हमारे प्रकृति को भी होता है। जब भी हम प्लास्टिक के बने चीज़ों का उपयोग करते हैं तो उसमें बायो प्लास्टिक पाया जाता है। बायो प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन के बजाए नवीकरणीय संसाधनों जैसा कि कसावा या गन्ने से होता है।
जैसा कि बाज़ार में 99% प्लास्टिक के मामले में होता है। पर्यावरण प्रदूषण जनरल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पी L को अक्सर गलनसील माना जाता है। बायो प्लास्टिक जब पर्यावरण में पानी में पहुँचते हैं तो प्रभावी ढंग से नहीं टूटते हैं।
बायो प्लास्टिक जब पर्यावरण में पानी में पहुँचते हैं तो प्रभावी ढंग से नहीं जोड़। ऐसा होने पर हमारे शरीर में प्लास्टिक के मात्रा प्रवेश कर जाती है और बायो प्लास्टिक में पारंपरिक प्लास्टिक जितना ही रसायन होते हैं। जिस कारण यहाँ ज़हरीले माना जाता है और प्लास्टिक में कुछ रसायन ज़हरीले होते हैं। हालाँकि इन्हें ज़हरीला के साथ साथ नुक़सानदायक भी माना जाता है।
पेपर कप के शोध में क्या बताया गया?

प्रकार के शोधों में बताया गया है कि पेपर कप भी प्लास्टिक से बने पदार्थों जैसे ही नुकसानदायक होते हैं। हालाँकि अन्य के बारे में हमें अधिक जानकारी नहीं है परंतु कागज़ के पैकेजिंग अन्य सामग्रियों की तुलना में संभावित स्वास्थ्य ख़तरा की प्रस्तुति करती है।
पर्यावरण में मिलने के बाद यह हमारे शरीर के लिए भी प्लास्टिक की तरह ख़तरनाक हो जाता है। जब सत्यम ने बताया कि इसमें विषैले पदार्थ का मिश्रण शामिल होता है और सही क्वालिटी के पेपर का यूज़ न करना भी हमारी सेहत के लिए उतना ही हानिकारक होता है।
पेपर कप का प्रयोग न सिर्फ़ पर्यावरण बल्कि सेहत में भी प्रभाव डालता है। जिस कारण रिसर्च पेपर कप करने की सलाह दी जाती है। हालाँकि इसका प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है और प्लास्टिक का उपयोग अधिक किया जाता है।
जिस कारण सलाह दी जाती है कि बर्तनों का उपयोग या अधिक से अधिक किया जाना चाहिए। बर्तनों का उपयोग से उसमें पाए जाने वाले मिनरल हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। जिससे हम स्वस्थ रहते हैं।