सुप्रिया के दिल में बेचैनी || Really Heart Touching Love Story in Hindi

Really Heart Touching Love Story in Hindi-

यह कहानी ठंडी के मौसम की कहानी है ! एक दिन ठंडी का मौसम था ! और थोड़ा कोहरा भी था ! तो मैं जब सुबह उठा तो देखा हल्की-हल्की हवा चल रही थी ! और बहुत ही प्यारा मौसम था !

फिर मैं मॉर्निंग वॉक पर निकल गया ! और जाते-जाते देखा की एक लड़की जो कि मॉर्निंग वॉक से वापस आ रही थी ! और उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी !

और उसके बाल खुले हुए थे ! ओस के कारण उसके चेहरे पर पानी और बालों पर पानी बिखरा हुआ था ! और मैं उसे देखता ही रह गया मानो जैसे मेरी दुनिया ही थम सी गई थी !

मेरी आंखें उसके चेहरे से हट ही नहीं रही थी और वह मुझे इस्माइल देती हुई चली गई ! उसके बाद मेरा भी मन मॉर्निंग वॉक पर नहीं लगा फिर मैं वहां से घर चला आया मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था !

सिर्फ उसके ही ख्यालों में खोया था जैसे वो मेरे दिलो-दिमाग पर छा गई हो ! पढ़ाई में भी बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था ! सिर्फ दिल करता था ! कि उसे देखता ही रहूं ! पहले मैं मॉर्निंग वॉक पर डेली नहीं जाता था ! लेकिन जब से उसे देखा मैं डेली मॉर्निंग वॉक पर सुबह ही निकल जाता था !

सिर्फ उसे देखने के लिए मॉर्निंग वॉक पर जाता था ! वो भी मुझे देखती जरूर थी ! लेकिन कभी मुड़कर नहीं देखती थी ! इस वजह से मैं थोड़ा परेशान रहता था ! ऐसे ही टाइम बीतता चला गया और मैं उसे देखता ही रह गया !

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लेकिन मुझे उससे कहने की कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि मैं तुमसे प्यार करता हूं ! कुछ दिन बाद हिम्मत जुटा कर उसे इशारों से हिंट देने लगा और मैं उसे इशारों इशारों में ही उससे पूछने लगा कि क्या तुम मुझसे प्यार करती हो लेकिन वो शर्मा कर चली जाती थी !

ऐसे ही इशारे काफी दिन तक मैंने उसे दिया लेकिन वो मुझे कभी कोई जवाब नहीं दिया ! उसके इस बर्ताव से काफी ज्यादा परेशान हो गया था ! और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था ! कि मैं उसे कैसे कहूं मैं तुमसे प्यार करता हूं !

Really Heart Touching Love Story in Hindi-

फिर मैंने एक छोटे से बच्चे के हाथ से गुलाब का फूल और एक लेटर भिजवा दिया जिसमें मैंने सिर्फ दो चार शायरी लिखी थी ! और उसमें मैंने लिखा था !

कि क्या तुम मुझसे प्यार करती हो अगर करती हो तो इस लेटर का जवाब जरूर देना उसने भी मुझे एक लेटर लिखा जिसमें लिखा था ! कि मैं तुम्हें पसंद तो करती हूं !

लेकिन मैं तुमसे अभी प्यार नहीं कर सकती हूं ! मुझे तुमसे प्यार करने में कुछ टाइम लगेगा क्योंकि यह मेरी मजबूरी है ! क्योंकि मेरे दिल में छेद है ! और मेरे दिल का ऑपरेशन होने जा रहा है !

मुझे खुद ही नहीं पता कि मैं इस दुनिया में रहूंगी कि नहीं अगर मुझे कुछ होता नहीं है ! तो मैं सिर्फ तुमसे ही प्यार करूंगी इसीलिए जब तुम मुझे मॉर्निंग वॉक पर इशारा करते थे इसी कारण मैं तुम्हारे इशारों का जवाब नहीं देती थी !

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फिर वह लेटर मेरे पास आया और मैं कल की सुबह में ही जब मॉर्निंग वॉक पर गया तब मैं उससे बात करना शुरु किया उसके बाद मैंने उसका नाम पूछा और उसने अपना नाम सुप्रिया बताया.

फिर हम ड़ेली मॉर्निंग वाक पर मिलने लगे और ढ़ेर सारी बातें करने लगे और वो मेरे बारे में जान नहीं थी ! हम उसके बारे में जान रहे थे ! ऐसे ही हम दोनों में महीनों तक चलता रहा ! उसके बाद उसका अगले महीने दिल का ऑपरेशन था !

और उसका ऑपरेशन दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में था ! जब वो अपने परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुई तब मैं भी उसके पीछे दिल्ली के लिए रवाना हो गया ! फिर उसके बाद उसका ऑपरेशन हुआ और सक्सेसफुल ऑपरेशन हुआ उसके बाद मेरी खुशियों का कोई ठिकाना ही नहीं था !

क्योंकि कोई मंदिर कोई दरगाह कोई चार्ज नहीं बजे थे जहां मैंने उसके लिए दुआ ना मांगी हो और मेरी भगवान ने सुन ली मेरी सुप्रिया को कुछ भी नहीं हुआ और वो धीरे-धीरे ठीक होने लगी और मैं ड़ेली हॉस्पिटल में उससे मिलने के लिए जाता था !

और उससे बातें करता था ! और हम दोनों हंसी मजाक करते थे ! कुछ दिन मेरी सुप्रिया को हॉस्पिटल में ही रहना पड़ा उसके बाद सुप्रिया बिल्कुल ही ठीक हो गई थी.

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फिर डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज कर दिया फिर वो अपने परिवार के साथ अपने घर के लिए निकल गई उधर मैं भी उसके पीछे ही घर के लिए निकल गया.

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उसके बाद मैं सोचने लगा कि अब उससे कैसे मुलाकात होगी लेकिन फिर मेरे दिमाग में आया कि अगर वो मॉर्निंग वॉक पर आई तो उससे मुलाकात जरुर होगी और यही सब ख्याल मेरे दिलो-दिमाग में आ रहा था !

इन सब उलझनों के चक्कर में रात भर नींद नहीं आई और देखते देखते ही सुबह हो गई और सुबह उठा तो देखा कि हल्की हल्की बारिश हो रही थी ! और मुझे लगा कि यह बारिश नहीं मेरे सपनों की बारिश हो रही थी ! ऐसा लग रहा था ! कि जैसे मेरा सारा सपना टूट रहा हो !

लेकिन मेरा दिल नहीं माना और मैं बारिश में भीगता हुआ मॉर्निंग वॉक पर गया और मैं वहां जाता हूं ! तो देखता हूं वहां पर कोई नहीं था ! और मुझे वहां ऐसा लग रहा था ! जैसे सब कुछ वीरान सा हो गया था !

फिर मैं वहां से मायूस और उदास होकर अपने घर चला आया उसके बाद मैं उसके घर के ना जाने कितने चक्कर लगाया उससे मिलने के लिए और उसे एक बार देखने के लिए और ना ही मुझे वह दिखी ना ही मैं उसे मिल पाया और मेरे दिल में इतनी बेचैनी हो रही थी कि पूछो मत क्या हाल गुजर रहा था !

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