Document Reguirement For Court Marriage
Court Marriage की पूरी Process–
इस पोस्ट में आपको Court Marriage संबंधी सभी नियम मिलेंगे, जैसे, Court Marriage के लिए कौन कौन से Document अनिवार्य है? और Court Marriage करने के लिए आवेदन कैसे करे?
Court Marriage की प्रक्रिया-
Court Marriage शादी की प्रक्रिया पूरे भारत में समान है। कोर्ट मैरिज को विशेष अधिनियम विवाह 1954 के अंतर्गत शासित किया गया है।
इस नियम के द्वारा अलग अलग धर्म के स्त्री पुरुष कोर्ट मैरिज कर सकते है। इसके अलावा एक धर्म के लोग भी विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत शादी कर सकते है।
कोर्ट मैरिज प्रक्रिया का पहला चरण यह है, अगर आप शादी करने के लिए तैयार है। तो सबसे पहले आप अपने जिले के विवाह अधिकारी को सूचित करे।
- कोर्ट मैरिज करने के लिए सूचना का स्वरूप अनुसूची 2 के अंतर्गत होना चाहिए।
- विवाह में शामिल होने वाले पुरुष या महिला के पक्ष से होना अनिवार्य है।
- सूचना लिखित तौर पर दी जानी चाहिए। साथ में आयु और निवास प्रमाणपत्र संलग्न होना अनिवार्य है।
- यदि कोर्ट मैरिज किसी अन्य शहर में करना चाहतें है। तो उस शहर के एक महीने पूर्व से निवासी होना चाहिए।
- कोर्ट मैरिज के लिए विवाह अधिकारी को सूचना देने के बाद आपको कोर्ट मैरिज के लिए सूचना प्रकाशित की जाएगी।
- उसके पूर्व विवाह अधिकारी अपने स्तर से वर और वधू के स्थाई निवास का जांच करता है।
- और उसके द्वारा सौंपे गए दस्तावेज जैसे आयु और निवास प्रमाणपत्र का भलीभांति जांच करता है।
- उसके बाद court marriage की तारीख तय करता है।
- कोर्ट मैरिज के समय लड़का या लड़की पक्ष से 3 गवाह होना अनिवार्य है।
- Marriage के समय वर, बधु और गवाह के हस्ताक्षर मैरिज सर्टिफिकेट पर लिए जाते है। साथ ही विवाह अधिकारी भी
- हस्ताक्षर करते है। और आपकी शादी पूर्ण हो जाती है।
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कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी बातें- Document Reguirement For Court Marriage
- विवाह के लिए आवेदन पत्र और शुल्क जमा होना अनिवार्य है।
- वर और वधू के लिए हाई स्कूल सर्टिफिकेट के साथ पासपोर्ट साइज के 5 फोटो होना अनिवार्य है।
- दूल्हा और दुल्हन का जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- गवाहों का आधार कार्ड, पैन Card,
- निवास प्रमाण पत्र की ओरिजनल और Dublicate कॉपी जरूरी है।
कोर्ट मैरिज की फीस- WHAT IS COURT MARRIAGE FEES-
कोर्ट Marriage की फीस आमतौर पर 1000 है। लेकिन जब आप कोर्ट मैरिज के लिए किसी लॉयर को सहायता के लिए Hire करते है। तो आपको एरिया के हिसाब से 8000 से 10000 तक खर्च करने पड़ सकते है।
कोर्ट मैरिज के बाद आवश्यक नियम- Document Reguirement For Court Marriage
कोर्ट मैरिज करने के बाद दूल्हा और दुल्हन एक साल तक तलाक नहीं दे सकते है। अगर न्यायालय को लगता है, तलाक़ के लिए आवेदनकर्ता किसी बुरी स्थिति में है. और अनैतिक व्यवहार का सामना करना पढ़ रहा है। तो ऐसी स्थिति में कोर्ट आपके आवेदन पर विचार कर सकता है।
court marriage पर कुछ सवाल जवाब- Document Reguirement For Court Marriage
- कोर्ट मैरिज करने में कितना समय लगता है?
court marriage करने मे कम से कम ३६ दिन का समय लग सकता है।
- कोर्ट मैरिज करने में कितना पैसा लगता है?
यदि आप किसी वकील की सहायता लेते है, तो आपको अपने अरवा के हिसाब से ५ से ६ हजार खर्च करने पड़ सकते है। वैसे सरकारी फेस १००० है।
- कोर्ट मैरिज शादी का सर्टिफिकेट कैसे बनता है?
कोर्ट मैरिज की शार्टिफिकेट आपके जिले के विवाह अधिकार के सामने दूल्हा दुल्हन और गवाह के हस्ताक्षर के बाद जारी होता है।
Court Marriage की विशेषता- Document Reguirement For Court Marriage
Court marriage सामाजिक ठेकेदारों की मानसिकता का खण्डन करता है। court marriage के तहत किसी भी जाति, धर्म, और समुदाय के लोग अपनी मर्जी के मुताबिक कोर्ट में जाकर शादी कर सकते है।
जबकि आज भी हमारा समाज कुंठित मानसिकता से जकड़ा हुआ है। और जाति, धर्म और संप्रदाय के नाम पर court marriage का जोरदार विरोध करते है।
५ कोर्ट मैरिज विशेषता- Document Reguirement For Court Marriage
- समाज से दहेज जड़ से समाप्त हो जाएगा।
- जाति और धर्म की विशेषता समाप्त हो जायेगी।
- जाति, धर्म के नाम से अलगाववादी लोगो की मानसिकता कम होगी।
- इंसान का इंसान से प्रेम बढ़ता है।
- दहेज की मांग नही रहेगी।
- समाज बेटी के जन्म से निराश नहीं होगा।