मैदा के नुक़सान || Maida Ke Nuksan
आपने मैदे से बनी चीज़ें तो ज़रूर खाई होगी, और क्या आप जानते हैं कि मैदा अधिक मात्रा में खाने से शरीर में बहु तेज़ी से नुक़सान करता है। आज के समय में लोग नूडल्स, पिज़्ज़ा, नान जैसे लोग तेज़ी से अधिक संख्या में खा रहे हैं।
परंतु उन लोगों को नहीं पता है की मैदा सेवन करने के रूप में अपने शरीर में वह किन हानिकारक तत्वों का सेवन कर रहे हैं। आज कि इस पोस्ट में हम ज़्यादातर फ़ास्ट फ़ूड में उपयोग होने वाले में आता है के बारे में बात करने जा रहे हैं। मैदा एक रिफ़ाइंड आटा होता है.
जिसका उपयोग कई खाने के पदार्थों में किया जाता है। यदि हम इसे सफ़ेद ज़हर भी कहें तो यह कहना ग़लत नहीं होगा क्योंकि यह जिन तत्वों से बनती है, खाने वाले लोग भी इससे वाक़िफ़ हैं कि स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ता है। मैदा के नुक़सान ( Maida Ke Nuksan ) के बारे में अधिक जानने के लिए बने रहे हमारे साथ इस पोस्ट में अंतिम तक।
मैदा के नुक़सान Side Effects Of Maida Overview
Title | मैदा के नुक़सान |
Year | 2023 |
Category | Side Effects |
Type | Junk Food |
Quote | White Poison |
Other Name | Refined Wheat |
मैदे में होते हैं हानिकारक केमिकल्स | Maida Ke Nuksan

Maida Ke Nuksan- मैदे में कई प्रकार के हानिकारक तत्व पाए जाते हैं। जब भी हम मैदा खाते हैं या फिर मैदे से बनी चीज़ों को खाते हैं तो इससे बनने वाले फ़ूड आइटम्स मसालेदार और स्वादिष्ट होते हैं और लोग स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य को भूल जाते हैं।
हालाँकि प्रोसेसिंग के दौरान मैं देर से चोकर और जर्म्स रिमूव कर दिए जाते हैं। इन सभी पोषक तत्वों को निकालते ही विटामिन तथा अन्य फ़ाइबर नष्ट हो जाते हैं, जैसे ही मैदान में मौजूद विटामिन हाथापाई वरना हो जाता है मैदे में कार्बोहाइड्रेट होता है,
जो कि इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होती है। सिर्फ़ इतना ही नहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है जिस कारण यह डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए कई गुना अधिक शुगर लेवल बढ़ाने का ख़तरा बढ़ जाता है।
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डाइजेस्ट होने में लगता है वक़्त | Maida Ke Nuksan
जैसे ही हम मैदा का सेवन करते हैं यह ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा देता है। गेहूं के आटे में जितना पोषण होता है उतना पोषण मैदे में नहीं होता है, आजकल मैदा फैक्ट्रियों में बनाया जा रहा है.
जिस कारण पहले मैच देख के मुक़ाबले आज मैदा काफ़ी हद तक अधिक रिफ़ाइंड हो गया है। गारा सफ़ेद रंग देने के लिए बेजोयल जैसे हानिकारक कैमिकल्स से मैदे को ब्लीच किया जाता है।
तत्पश्चात याहा ही नहीं बल्कि मैदे को ज़्यादा सॉफ़्ट बनाने के लिए एलेक्सन नामक एक कैमिकल भी डाला जाता हैँ। अपने सभी प्रक्रियाएं होने के बाद जब मैंने का सेवन करते हैं तो ये केमिकल्स मैदा के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है। शरीर में प्रवेश करते ही मैदा का स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा नुक़सान पहुँचता हैं।
इम्यूनिटी पर प्रभाव | Maida Ke Nuksan
हमारे शरीर में जो इम्यूनिटी पावर होती है, मैदे को खाते हैं इससे इम्यूनिटी पावर पर डारेक्ट प्रभाव पड़ता है। इससे खाने के बाद शरीर को पोषण नहीं मिलता बल भी इसका सीधा प्रभाव हमारे इम्यूनिटी को कमज़ोर करने पर होता है।
हावर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक़ ज़्यादा मैदा खाने से दिमाग़ पर भी बुरा असर पड़ता है। भविष्य में डिमेंशिया के बीमारी हो सकती है, मैदा खाने से हड्डियां भी कमज़ोर होती है जैसे यदि आप अधिक मात्रा में मैंने का सेवन करते हैं तो आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज़ एवं अधिक मोटापा जैसी समस्या होने लगती है।
पाचन क्रिया में नुक़सान | Maida Ke Nuksan
मैदे को खाने में सबसे बड़ा ख़तरा डाइजेस्ट होने का होता है, वैसे तो मैदे को डाइजेस्ट होने में बहुत अधिक समय नहीं लगता है परंतु अलग अलग लोगों में इसका समय अलग अलग देखा जाता है।
कुछ लोगों में तो यहाँ वास्ता ही नहीं हैं और साबुत अनाज या हाई फ़ाइबर वाला फ़ूड आइटम्स की तुलना में मैदे जल्दी पच जाते हैं। मैदे को डाइजेस्ट होने में लगभग 2-4 घंटे का समय लगता है। हालाँकि कुछ लोगों को मैदा खाते ही गैस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शरीर में मैदा के द्वारा प्रवेश किए गए कैमिकल्स स्वास्थ्य को बुरी तरह से नुक़सान पहुँचाते हैं। भविष्य में बीमारियों का ख़तरा एवं हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचने के लिए मैदा को कम खाना सही माना जाता है।
Conclusion– Maida Ke Nuksan
Maida Ke Nuksaan- यदि व्यक्ति की से समाज में रह रहा है, तो समाज में मौजूद हर प्रकार की चीज़ों का सेवन ज़रूर करता है। परंतु जब भी व्यक्ति सेवन कर रहा हो तब यह चीज़ का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए कि हर खाने वाली चीज़ आगे चलकर आपके स्वास्थ्य को नुक़सान पहुँचा सकते हैं। जैसे आप जब भी मैदा खाए तो इसे कम मात्रा में खाए।