क्या है लंपी वायरस, क्या है इसके लक्षण

पिछले वर्ष पालतू जानवरों के मौत के पीछे का एक बड़ा कारण  लंपी वायरस रहा है। पिछले साल पूरे भारत में देखने को मिला था और जिस कारण कई में मौत हुई थी। इस वर्ष भी बाहर पूरे भारत में देखने को मिल सकता है।

जिस कारण पिछले साल वायरस का क़हर पूरे भारत में देखने को मिला था, उस दौरान हर राज्य में बड़ी संख्या में पालतू जानवरों की मौत हो रही थी। पिछले कुछ दिनों का आंकड़ा को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वर्ष भी इस वायरस का प्रकोप भारत में बढ़ सकता है।

 जिस कारण इस आर्टिकल को आपके समक्ष हम लेकर आए हैं, यदि आप लंपी वायरस Lumpy Skin Disease के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।

लंपी वायरस Lumpy Skin Disease

लंपी वायरस का क़हर पिछले वर्ष भारत में बड़े पैमाने पर देखने को मिला था। अब एक बार फिर लंपी वायरस का प्रकोप भारत के कई राज्यों ख़ासकर भी छत्तीसगढ़ में तेज़ी से फैल रहा है, पिछले कुछ समय में छत्तीसगढ़ इस वायरस के ख़तरे और चपेट में आ चुका है।

 हालाँकि कुछ और राज्य भी इसके चपेट में आने वाले हैं। क्योंकि इस बीमारी से संक्रमित होकर कई गाय बैल तेज़ी से मर रही है। आपकी जानकारी के लिए हम यह भी बताता है कि यह स्क्रीन वायरस एक वायरल त्वचा रोग, जो मुख्यता एक जनवरी से दूसरा जनवरी में फैलता है।

यहाँ एक वायरल त्वचा रोग है। खून चूसने वाले वालों कीडों जैसे मक्खियों मछुआरों और कुछ प्रजातियों और दिल्ली से फैलता है। अतः इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोगों को अपने जानवरों को सावधान करने की ज़रूरत है।

लंपी वायरस Lumpy Skin Disease Overview

Titleलंपी वायरस
Year2023
CategoryDisease
TypeVirus
SymptomsGiven
CureVaccine

कुछ प्रमुख लक्षण

lumpy virus ke lakshan
lumpy virus ke lakshan

पिछले साल इस वायरस का क़हर पूरे भारत में देखने को मिला था, हालाँकि जैसा कि हमने बताया इस वायरस के शुरुआती लक्षण में पशुओं को बुख़ार हो जाना आम समस्या है। हालाँकि इसी के साथ साथ त्वचा पर गाँठ पड़ जाती है और मौत होने का भी ख़तरा होता है।

जिस कारण या वायरस धीरे धीरे जानवरों के लिए गंभीर ख़तरे का कारण बनता जा रहा है। लंपी वायरस जिसे त्वचा रोग वायरस के रूप में भी जाना जाता है। वास्तव में यह एक प्रकार का वायरस है, जो की संक्रमण के कारण फैलता है।

इस वजह से जानवर बुरी तरह से संक्रमित हो जाते हैं क्योंकि वे फ़र को नुक़सान पहुँचाना शुरू करता है। जानवरों को भी बुखार की समस्या का अनुभव होना शुरू हो जाता है।

1बुखार
2वजन का कम होना
3लार निकलना
4दूध का कम होना
5शरीर पर नोड्यूल
6आंख और नाक का बहना

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आप त्वचा रोगों को फैलने से कैसे रोकते हैं?

यदि त्वचा रोगों के बाद पशुओं में दूध का उत्पादन कम हो जाता है, तो यह भी इसी वायरस का एक लक्षण हो सकता है। संक्रमण के कारण पशुओं में तथा उनके त्वचा पर गाँठें पड़ जाती है। इसके अलावा पशुओं को भी बीमारियाँ होना शुरू हो जाती है।

जिस कारण उनके मास में सूजन आ जाती है और जानवरों को भूख नहीं लगती। उनके नाक बहने लगते हैं और आँखों से पानी आने लगता है। इसके अलावा जो भी संक्रमित गाय या वेल में लंबे समय तक बांझपन की समस्या भी देखी जा सकती है। इस प्रकार के लक्षण आमतौर पर लंपी वायरस के कारण ही देखे जाते हैं।

लंपी वायरस फैलने से रोकने का एक तरीक़ा है, यह तरीक़ा सबसे पहले अपने पशुओं का टेस्ट करवाएं। इसके अलावा आपको अपने संक्रमित मवेशियों से अन्य मवेशियों को अलग कर देना चाहिए। यदि ऐसा करने में असमर्थ होते हैं तो इसके साथ ही बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए कुछ रोकथाम उपाय भी करना चाहिए।

वैक्सीन एवं दवाएँ

यदि आपके किसी भी पशु को यह रोग हो जाता है, तो घबराने की बिलकुल ज़रूरत नहीं है और सबसे पहले पशु चिकित्सक की सलाह लेने के लिए, आप वहाँ पहुँचे। पशु चिकित्सकों के सलाह लेते रहना ही उचित होता है और इसके साथ ही आपको अपने अन्य जानवरो पर भी कड़ी नज़र रखनी चाहिए।

इस दौरान अन्य जानवरो को दो देते हैं यार लेते वक़्त ध्यान दें कि उन्हें यह बीमारी है कि नहीं। दुर्भाग्य से गाय त्वचा रोग के लिए कोई विशिष्ट एंटी वायरल उपचार नहीं है।

Conclusion

इसका सबसे बेहतरीन उपाय यही हो सकता है कि जानवरों का देखभाल आप स्वयं से करें। जानवरों को भाव देखभाल स्प्रे,  दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स दें और साथ ही साथ समय समय पर जानवरों के डॉक्टर के पास इसे ज़रूर ले जाएं। धीरे धीरे कारगर यह स्वयं नहीं ठीक होना शुरू हो जाएगा।

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