आज के दौर में अधिकतर व्यक्तियों के लिए चाय एक अमृत के समान है। हालाँकि ये अमृत की तरह फ़ायदे तो नहीं देते हैं, परंतु लोगों के लिए जीवित रहने का साधन बन चुका है। एक चीज़ जो दुनिया भर में भारतीयों को एकजुट करती है वह है जाए। चाय के प्रति उनका प्यार है.
जो कि दुनिया में रहने वाले सभी भारतीयों के लिए कॉमन है। सुबह उठते ही चाय से अपनी शुरुआत करना अधिकतर भारतीय नहीं भूलते हैं। पूरे दिन एनर्जेटिक बने रहने के लिए लोग शुरुआत में सुबह सुबह एक कप चाय का सेवन ज़रूर करते हैं। हालाँकि कभी कबार चाय पीने से तो कोई नुक़सान नहीं होता है, परंतु अधिक चाय पीने से इसके नुक़सान ही नुक़सान है।
चाय छोड़ने से शरीर में बदलाव
लोग चाय पीना अपनी दिनचर्या का हिस्सा मानते हैं। यदि हम विशेषज्ञों की मानें तो भारत में अधिकतर लोग चाय पीते हैं। हालाँकि कभी कभार चाय पीने से तो कोई नुक़सान नहीं होता है, परंतु यदि इसी चाय को अधिक मात्रा में पी लिया जाए तो यह सेहत के लिए काफ़ी ज़्यादा हानिकारक होता है।
ऐसे में जब इसे ख़तरा कहा जाता है तो इसे अपनी दिनचर्या से हटाने में ही फ़ायदा है। क्योंकि चाय हमारे सेहत के लिए कितनी फ़ायदेमंद है उससे कई गुना अधिक ख़तरनाक है। यदि आप अपनी लाइफ़ स्टाइल से चाय को पूरी तरह हटाना चाहते हैं तो इसे ज़रूर पढ़े।
चाय छोड़ने से शरीर में बदलाव Overview
No. | चाय छोड़ने से शरीर में बदलाव |
1 | भूख लगना |
2 | पाचन समस्याओं से निजात |
3 | शरीर में थकान |
4 | सिर दर्द |
एक महीने के लिए चाय छोड़ने पर शरीर में असर

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन से चाय को एक महीने तक सेवन नहीं करता है, तो इसका परिवर्तन आपको शरीर के स्वस्थ में देखने को ज़रूर मिलेगा। जैसे कैफीन का सेवन कम होना और जो अच्छी नींद और बेहतर नींद और कम चिंता में मदद करता है।
जिस कारण लोग चाय अधिक पीते हैं और उनका सीधा असर उनके टॉयलेट पर पड़ता है। चाय छोड़ने से शरीर में पानी की कमी कभी नहीं होती। चाय छोड़ने से शरीर में मुक्त कणों को कम किया जा सकता है और जिस कारण सेलुलर स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
चाय पीने से भूख भी अधिक लगती है और पाचन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। और तो और कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में भी मदद मिल सकती है।
रात में सोते वक़्त पसीना आना, गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है
चाय को हटाने का नुक़सान– Tea chodne ke fayde
कुछ व्यक्तियों के लिए चाय एक दिनचर्या का हिस्सा है। सोने की ऐसे लोग जो चाय के आदी हो चुके हैं और उन्हें चाय पीए बिना आराम नहीं मिलता है। उनके लिए जाए एक अमृत के समान माना जाता है क्योंकि जिसे पीने के बाद उन्हें आराम मिलता है।
ऐसे में यदि वे लोग तुरंत चाय को छोड़ते हैं तो मनोवैज्ञानिक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। चाय में मौजूद कैफीन का अनुभव आपको शरीर में होगा।
- कैफीन की कमी का अनुभव चाय को छोड़ने के बाद होता है।
- गंभीरता और अवधि व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से भिन्न होती है।
- लक्षणों में थकान और दिमाग़ी और फ़ोकस में कमी, मीन आना और सर दर्द जैसी समस्याओं का अनुभव आपको हो सकता है।
आप बिलकुल ही चाय छोड़ने का मन बना चुके हैं, तो अपनाएं ये टिप्स
हालाँकि आमतौर पर जो लोग चाय का सेवन करते हैं उन्हें चाय छोड़ना काफ़ी मुश्किल होता है। क्योंकि जब तक कि शरीर कम कैबिन के स्तर को अनुकूल नहीं हो जाता, चाय छोड़ना उनके लिए सही नहीं है। जिस कारण लोग कुछ तरीक़े अपनाकर चाय को आसानी से छोड़ सकते हैं।
- दूध वाली चाय की जगह आपको हर्बल चाय और ग्रीन चाए का उपयोग करें।
- आप चाहें तो चाय की जगह काढ़ा का उपयोग कर सकते हैं।
- अधिक चाय पीने वाले लोग धीरे धीरे करके चाय की मात्रा कम कर सकते हैं और इस प्रकार के लोग भी चाय को छोड़ सकते हैं।
Conclusion
चाय में हालाँकि कैफीन पाया जाता है जो कि हमारे शरीर के लिए फ़ायदेमंद होता है। परंतु यदि कैफीन को अधिक मात्रा में खा लिया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए बोहोत ही नुकसानदायक हो सकता है। जिस कारण विशेषज्ञों के द्वारा यह सलाह दी जाती है कि कैफीन का सेवन कम करें और चाय की आदतों को छोड़ा जा सके। यदि आप चाय का सेवन कभी कभी करते हैं तो आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आएगी।